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लेखनी कहानी–आशा-02-Dec-2023

आशा


आशा एक अभिलाषा का रूप है
जीवन कांटों का ताना बाना है 
आशा के साथ सीमा का पालन जरूरी है
अन्यथा निराशा हाथ लगते देर नही लगती है
आशा त्याग मांगती है
धैर्य और सकारात्मकता के साथ आशा पूर्ण होती है 
जहां नकारात्मकता का भाव आया 
आशा का निराशा में परिर्वतन का परिणाम आया
सभी कि आशा पूर्ण नहीं होती
विभन्न बंधनों को पार कर आशा पूरी होती
आशा अपूर्ण होने पर उलहाना उचित नहीं है 
स्व मनन से अपने धैर्य का परीक्षण करना है 
अपनी गलतियों पर मनन करना  है 
अभिलाषाओ पर अंकुश लगाना  है 
सभी कि आशा पूर्ण नहीं होती
नियति सभी को वरदान नहीं देती
तो कभी हमारी अभिलाषाओं को मंजिल नहीं मिलती
अभिलाषा जीवन का उदगम है अंत नहीं होती
सभी कि आशा पूर्ण नहीं होती
जीवन में जो प्राप्त है
वह ईश्वर का प्रसाद है
प्रभु अगर पूरी करता आशा है
तो यह उसका वरदान है
जो मिला है उसमें संतुष्टि का भान है
अगर आशा पूर्ण करता तो वह ईनाम है
सभी को विजय कि प्राप्ति नहीं होती
सभी कि अभिलाषा पूर्ण नहीं होती
आशा एक तमाशा है 
किस्मत वालों कि ही आशा पूर्ण होती हैं ।।

✍️ विजय पोखरणा "अपयस" 

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2 Comments

Gunjan Kamal

03-Dec-2023 06:42 PM

👌👏

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Abhilasha Deshpande

02-Dec-2023 06:53 PM

👍⭐

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